हाल ही में 47वें जी-7 शिखर सम्मेलन का आयोजन 11-13 जून, 2021 के बीच यूनाइटेड किंगडम के कॉर्बिस बे , कॉर्नवाल ( Cornwall) में किया गया। गौरतलब है कि जी-7 शिखर सम्मलेन की अध्यक्षता कर रहे ब्रिटेन ने भारत, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण कोरिया और दक्षिण अफ्रीका को अतिथि देश के तौर पर आमंत्रित किया था ।
इससे पूर्व सात (G7) देशों के समूह के वित्त मंत्रियों ने ‘वैश्विक न्यूनतम कॉरपोरेट कर दर’ (GMCTR) की स्थापना करते हुए एक ऐतिहासिक समझौते को अंतिम रूप दिया था।
वैश्विक न्यूनतम कॉरपोरेट कर दर (GMCTR)
- G7 देश कम-से-कम 15 प्रतिशत की वैश्विक न्यूनतम कॉरपोरेट कर दर का समर्थन करेंगे और उन देशों में करों का भुगतान सुनिश्चित करने के लिये उपाय किए जाएंगे, जहाँ व्यवसाय संचालित होते हैं।
- यह कंपनियों के विदेशी लाभ पर लागू होगा। ऐसे में यदि सभी देश वैश्विक न्यूनतम कॉर्पोरेट कर पर सहमत होते हैं, तब भी सरकारों द्वारा स्थानीय कॉर्पोरेट कर की दर स्वयं ही निर्धारित की जाएगी।
- किंतु यदि कंपनियां किसी विशिष्ट देश में कम दरों का भुगतान करती हैं, तो उनकी घरेलू सरकारें अपने करों को सहमत न्यूनतम दर पर ला सकती हैं, जिससे लाभ को टैक्स हैवन में स्थानांतरित करने का लाभ समाप्त हो जाता है।
47वें जी -7 सम्मेलन के प्रमुख बिंदु :
सम्मेलन का शीर्षक (थीम) :47वें जी -7 सम्मेलन का शीर्षक (Theme) था – ‘बिल्ड बैक बेटर’ (Build Back Better)
बिल्ड बैक बेटर वर्ल्ड (B2W Plan) प्लान –
- इसका उद्देश्य चीन के ट्रिलियन-डॉलर की ‘बेल्ट एंड रोड इंफ्रास्ट्रक्चर’ पहल के साथ प्रतिस्पर्धा करना है, जिससे छोटे देशों पर असहनीय ऋण भार के चलते उन्हें परेशान करने के कारण व्यापक आलोचना की गई है।
- यह सामूहिक रूप से निम्न और मध्यम आय वाले देशों (एशिया और अफ्रीका में) हेतु सैकड़ों अरबों के बुनियादी ढांचे के निवेश को प्रेरित करेगा।
जलवायु परिवर्तन
- गरीब देशों को कार्बन उत्सर्जन में कटौती करने और ग्लोबल वार्मिंग से निपटने में मदद करने के लिए जी -7 नेताओं ने प्रति वर्ष $ 100 बिलियन की अतिदेय व्यय प्रतिज्ञा को पूरा करने के लिए अपना योगदान बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की।
- वर्ष 2050 तक शुद्ध शून्य कार्बन उत्सर्जन तक पहुँचने का संकल्प लिया गया।
‘कॉर्बिस बे’ घोषणा : G7 नेताओं ने स्वास्थ्य पर कार्बिस बे घोषणा पर हस्ताक्षर किए और कोरोना वायरस के कारण हुई वैश्विक तबाही को पुनः पूर्व स्थिति में लाने का संकल्प लिया।
भारत का पक्ष
- सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैश्विक स्वास्थ्य चुनौतियों के “सामूहिक” समाधान के लिए भारत की प्रतिबद्धता से अवगत कराया।
- प्रधानमंत्री मोदी ने “एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य” (One Earth, One Health) दृष्टिकोण का आह्वान किया, जिसका उद्देश्य महामारी से निपटने के लिए दुनिया के राज्यों के बीच एकता और एकजुटता है।
- इसने कोविड -19 टीकों के लिये पेटेंट सुरक्षा के लिये समूह का समर्थन मांगा।
- जलवायु परिवर्तन पर सामूहिक कार्रवाई का आह्वान किया।
जी-7: एक परिचय
- जी-7 दुनिया की सात सबसे बड़ी कथित विकसित और उन्नत अर्थव्यवस्था वाले देशों का समूह है, जिसमें कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, ब्रिटेन और अमेरिका शामिल हैं। इसे ग्रुप ऑफ सेवन (Group of Seven) भी कहते हैं। यह एक अंतर-सरकारी मंच है जिसका गठन 1975 में हुआ था। ।
- वैश्विक आर्थिक शासन, अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा और ऊर्जा नीति जैसे सामान्य हित के मुद्दों पर चर्चा करने के लिये वार्षिक तौर पर संगठन के सदस्य देशों की बैठक आयोजित की जाती है।
- G7 के सदस्य देश विश्व की जनसंख्या के 10 प्रतिशत और वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद के 40 प्रतिशत का प्रतिनिधित्व करते हैं।
- जी-7 का औपचारिक संविधान या एक निर्धारित मुख्यालय नहीं है। वार्षिक शिखर सम्मेलन के दौरान नेताओं द्वारा लिए गए निर्णय गैर बाध्यकारी होते हैं।
- वर्ष 1997 में रूस के इस समूह में शामिल होने के बाद कई वर्षों तक जी-7 को जी-8 (G-8) के रूप में जाना जाता था, किंतु वर्ष 2014 में रूस को क्रीमिया विवाद के बाद समूह से निष्कासित कर दिये जाने के पश्चात् समूह को एक बार पुनः जी-7 कहा जाने लगा।