जम्मू और कश्मीर में परिसीमन (Delimitation in Jammu and and Kashmir)
वर्तमान में जम्मू और कश्मीर (J & K) में जम्मू- कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम- 2019 के तहत परिसीमन की प्रक्रिया चल रही है। गौरतलब है कि भरतीय प्रधानमंत्री ने वर्ष 2020 के स्वतंत्रता दिवस के भाषण में कहा था कि जम्मू-कश्मीर में पहले परिसीमन होगा, उसके बाद चुनाव कराए जाएंगे।
क्या होता है परिसीमन:
- किसी देश या एक विधायी निकाय वाले प्रांत में क्षेत्रीय निर्वाचन क्षेत्रों (विधानसभा या लोकसभा सीट) की सीमाओं को तय करने या फिर से परिभाषित करने का कार्य परिसीमन है।
- विदित हो कि परिसीमन की प्रक्रिया स्वतंत्र एवं उच्च-स्तरीय पैनल द्वारा की जाती है जिसे परिसीमन आयोग के रूप में जाना जाता है। विदित हो कि परिसीमन आयोग के किसी आदेश पर किसी भी न्यायालय द्वारा सवाल नहीं उठाया जा सकता है।
- ज्ञातव्य है कि एक निर्वाचन क्षेत्र की सीमाओं को बदलने के अलावा इस प्रक्रिया के परिणामस्वरूप राज्य में सीटों की संख्या में भी परिवर्तन हो सकता है।
- भारतीय संविधान के अनुसार, इसमें अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) के लिये विधानसभा सीटों का आरक्षण भी शामिल है।
- यहां यह उल्लेख करना महत्वपूर्ण है कि 2002 में, नेशनल कांफ्रेंस सरकार द्वारा परिसीमन प्रक्रिया को 2026 तक रोक दिया गया था।
परिसीमन का उद्देश्य:
- परिसीमन का उद्देश्य समय के साथ जनसंख्या में हुए बदलाव के बाद भी सभी नागरिकों के लिये सामान प्रतिनिधित्व को सुनिश्चित करना है।
परिसीमन हेतु संवैधानिक प्रावधान:
- ध्यातव्य है कि भारत की प्रत्येक जनगणना के बाद भारत की संसद द्वारा संविधान के अनुच्छेद-82 के तहत एक परिसीमन अधिनियम लागू किया जाता है। अनुच्छेद 170 के तहत राज्यों को भी प्रत्येक जनगणना के बाद परिसीमन अधिनियम के अनुसार क्षेत्रीय निर्वाचन क्षेत्रों में विभाजित किया जाता है।
- एक बार परिसीमन अधिनियम लागू होने के बाद केंद्र सरकार एक परिसीमन आयोग का गठन करती है।
- यद्यपि पहले परिसीमन की प्रक्रिया राष्ट्रपति द्वारा (निर्वाचन आयोग की मदद से) 1950-51 में की गयी थी।
- परिसीमन आयोग का गठन अधिनियम, 1952 में अधिनियमित था।
- 1952, 1962, 1972 और 2002 के अधिनियमों के आधार पर चार बार 1952, 1963, 1973 और 2002 में परिसीमन आयोगों का गठन किया गया है।
- वर्ष 1981 और वर्ष 1991 की जनगणना के बाद परिसीमन नहीं किया गया।
परिसीमन आयोग के बारे में :
परिसीमन आयोग का गठन भारत के राष्ट्रपति द्वारा किया जाता है और यह भारतीय निर्वाचन आयोग के सहयोग से काम करता है।
परिसीमन आयोग की संरचना:
- सर्वोच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश
- मुख्य चुनाव आयुक्त
- संबंधित राज्य चुनाव आयुक्त।
जम्मू-कश्मीर में परिसीमन:
- पूर्व में जम्मू-कश्मीर में परिसीमन अभ्यास क्षेत्र की विशेष स्थिति के कारण देश के बाकी हिस्सों से थोड़ा अलग रहा है।
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